विदेशी सम्बंद और नो संचार नो संचार का मतलब हवाईजहाज का परिभान रेलगाइ और टल्ली कम्युनिकेशन या सब संचार में है

मैं यह कहना चाहा रा हूँ कि बहोत सरी धमकों से भारत एक हुआ है भारत को एक देस बना सम्भब हुआ इस लय धाम किया दे जाते थी

३ जगह मामला फसा इ फसा जूनागढ़ में जो गुजरात के सोरसत का हिस्सा है एक हैदराबाद में फसा और एक फसा जम्मू कश्मीर में इस के अलाबा एक बात और समझनी है की जब अंग्रेज भतार छोड़ कर जा रहे थे तो क्या हो रहा था उस समय भारत के एक हिस्सी का एक बड़ा भाग उस समय अंग्रेजो के पास था और अंग्रेज उसको देकर जा रहे थे जिसक्को हम ब्रिटिश इंडिया कहेते है वो मिल रहा था भाता का ठीक थक ४० फीसद हिस्सा रियासतों का हिस्सा था रियासत हमें मिल नहीं राइ थी १५ अगस्त को रियासती मिलेगे या नहीं मिलिगई या उनके च्वॉइस थी भारत के ५ तरितीर्य फ्रांस के पास थी उस समय चाँद नगर जो पश्चिम बंगाल हिस्सा है यनम माहे करिकाल पोंडिचेरी यनम पड़ता है आंद्र प्रदेश के इलाके में माहे पड़ता है केरल के इलाके में पॉन्डचिरी पांडरचिरी है कराईकल थोड़ा सा चेन्नई के तरफ़ा है

यह ४ अलग अलग हिस्सी थे जो फ्रांस के इलाके में थे उस टाइम इंग्लैंड भारत से जा रहा था फ्रांस तो नहीं जा राह था या पूरा डॉट था की या हिस्से भारत को कैसे मिलैंगे और पूर्ति गाल के पास गोवा था और दमन था दिवे था दादर नगर हवेली थी और पोर्ट गाल भारत से नहीं जा रा थी और सबल या भी था की पोर्टा गाल का हिस्सा भारत को कैसे मिलिगा इस सब को मिलकर के के देश मिलाना था

हमारे देश के सबसे बड़े दो दुर्गभाग्य या रही के महात्मा गाँधी १९४८ की सूरत में निधन हो गया समिधान पूरा बनते होय देख नहीं पाय

दोसरा दुर्भाग्य या रहा के पटेल नेहरू से १४ साल बड़े थे उतना स्वतः यही थे दिसम्बर १९५० में पटेल का निधन हो गया सब जानतेह थे के पटेल को भारत क प्रधान मंत्री बना तै था लेनी उससे पहिले उनकी मृत्यु हो गए लेकिन लेकिन गाँधी जी ने पैहली से ही कहे रखा था की नेहरू भारत के प्रदान मंत्री बने क्यूंकि नाहीरु उस टाइम पर जवान थे और पटेल के पास समय भौत काम था किन कुन संक्रमर्द कल में कोई यासा बोक्ति पं पाबे जो १० २० साल था देश को सबल सके

जूनागड का शासक महबत खान नाम था इस के मन में आया की क्यू न मैं पाकिस्तान से मिल जाओ १५ सिंबे १९४७ को जाना गड को पाकिस्तान से विलयत कर लिया

भारत आजद होने वाळा है लेकिन अंग्रजो ने एक सफाई दिखाई की दोनों देशो की सेना अपने कण्ट्रोल में रख ररखि की थी माउंट बेटन भौत समझदार आदमी थे माउंट बेटन के मित्रे थे हरी शिंग जो कश्मीर के राजा थे हरी सिंह सीकर भौत करते थे मोंट बेटन पहोचे ोंके पास हरी शिंग जे जल्दी से कोई पसला कर लिजी पाकिस्तान में न जाकर भारत में आ जाया आप लिंक हरी सिंह ने कहा कि मैं कहानी न जाना चान्हो तो सोअधिन रहना चाओ तो मोंट बेटन क खान या दो देशो के बिच में चल नहीं पाएगा लेकिन हरी शिंग कान बेन्स

20 / 10 / 1947 में पाकिस्तान ने सोचा की अगर हम भारत पर हमला करते है तो यह बात इस तरह से आगि की पाकिस्तान ने भारत पर हमला किय है और हमारा stand काम हो जायगा लिकेन जूनागढ़ को देख चुके थे जिन्ना ने सोचा कि हम सैनिक अभ्यास नहीं करेंगे और अपने ही सेना के सीनियर बियक्ति अकबर खान को यह जिम्मा दिया गया और अकबर खान ने एक बजीरिस्तान ट्राइबल मुस्लिम फौज को तैयार किया और इसी को आजाद कश्मीर फौज कहते हैं पाकिस्तान के बहोत सरे लोग असिन देश भूसा में शामिल थे और यह बात पाकिस्तान ने unके सामने मानी थी

20 october 1947 को करीब 20 हजार लोगो के फौज बजीरिस्तान से निकली और श्री नगर की ओर बड़ी ट्रको में यह बात हरी सिंह को पता चली और हरी सिंह ने कहा देखो मेरी सेना जबतक है यह कुछ नहीं बिगड़ पाएंगी हमारा और यह बात हरी सिंह के ब्रिगेडियर को पता चली इनका नाम था राजेंदर सिंह जो सहीद हुए इस युद्ध में राजेंदर सिंह ने हरी सिंह से कहा हुजूर इस बात का धियान रखिए हमरी सेना में 50 परसेंट लोग मुस्लमान हैं और वो आपके पिरती निष्ठता रखते है लेकिन अगर उस सेना ने उनको यह लाभ दिया की हम लोग इस्लामी राज्य बनायगे और तुम्हारा आधा बढ़ेगा सुबिधाय बढ़ेंगी तो यह खतरा है की सैनिक उनके पक्छ में चलय न जय और सैनिक बहोत गरीब होता है और लालच आसानी से नहीं छोड़ सकता पर हरी सिंह को लगता था की एसा कुछ नहीं हो सकता और हरी सिंह ने कहा ठीक हैं चलो युद्ध करते है और मैं चलता हूँ और राजेंदर सिंह जी ने कहा आप रुके हम देख लिंगे और यह सेना अगले 2 दिनों में मुजफराबाद पहोच गई जो की p o k की राजधानी है मुजफराबाद हैं और बहन से 150 किलोमीटर की दूरीपर कश्मीर हैं और यह लोग सब हतियारमंद लोग थे और अगले दिन उरी के पास पहोचने वाले थे और यह आते आते राजा की सेना ने बिरोधी सेना के बड़े हिस्से ने बिरोधी सेना में शामिल हो गए

और उस टाइम राजेंद्र सिंह ने राजा से कहा की आप यह से चले जाओ हम लोग manege करलेंगे और राजा को श्री नगर से जम्मू भगाया गया और राजा ने पहिले दिल्ली फ़ोन किया की मुझे बचालो तब दिल्ली से B P मेनन गए श्री नगर तब श्री नगर से जुड़ने का एक ही अम्पर्क था हाबाई मेनन ने कह बताइय किया चाहिए आपको राजा ने कहा मुझे बचाहि मेनन ने कहा ठीक है मैं बात करता हूँ देहली जा कर और दिल्ली में एक मीटिंग हुई बहन पर पटेल नेहरू माउंट बेटन सब लोग थे और b p मेनन ने कहा राजा ने गुहार लगाई है की मुझे बचाइए और माउंट बेटन ने कहा की जबतक कश्मीर भारत का हिस्सा है ही नहीं तो हम सैन सहिता कैसे दे सकते हैं और यदि वो भरता का हिस्सा है ही नहीं और हम साइन सहित दे रहे है तो इसका मतलब हैं कि हम अभी आजाद हुए हैं और अभी से हम अन्तरस्टीय युद्ध लड़ रहय हैं यह बात 1947 की बात हैं और 1945 में U N बना है और दुनिया भर को मालूम हैं की U N से अंतर्राटिया युद्ध रुकेंगे और U N बनाने बाले देशो में से एक देश का पिरती निधि माऊंट बेटन थे तब उसने कहा युद्ध लड़ना ठीक नहीं है

और फिर B P मेनन बापस लौटे और सारि जानकारी दी औरhttps://app.filmora.io/#/object/cterchiunhlvcpkm6uh0?source=%7B%22product_id%22:%221901%22,%22product_page%22:%22share_url%22,%22product_version%22:%2214.0.8.9637%22%7D

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