गाँधी एयर राईस ऑफ़ इंडिया गाँधी जी 1914 में भारत आते है और 1914 में first world war चहल रहा था ब्रिटेन ने कहा first world war डिप्रेस लोगो को राइट्स दिलाने के लिए लड़ रहे हैं गाँधी जी ने कहा बहोत अच्छा अगर तुम डिप्रेस लोगो के लिया राइट दिलाने के लिए लड़ रहे हो तो हम तुम्हारे साथ हैं गाँधी started reqroted of soaljers army उनको वोला गया reqroting सार्जेन पहिला का तो या किया सरकार की मदत की दूसरा जब गाँधी जी जब साउथ अफ्रीका गए थे तो संसारी बांके गए थे जब बहन से लौटकर आय तो वो सन्यासी थे महात्मा तो उनके साथ उनका परिबार भी आया था disaipal लिकेन परिबार को तो घर में रखा जा सकता है लेकिन डिसाइपल को कहाँ रखा जय तब उनोहोने साबरमती आश्रम का निरमाण किया इसमें अम्बालाल साराबही ने पैसा दिया या एक बुसनेस्स मैन थे
और थिसार काम गाँधी जी ने या किया की मैं पूरे भारत का दौरा करूँगा
1900 recruting sarjeast
साबरमती आश्रम stabel of student
और एक साल का दौरा tower entry for the year
फिर उन्हने 3 expremanet किए 1 champareg और यहां पर जब वो पहोचे तो पता लगा की भारत के किसानो के किया इस्तिति हैं और गाँधी जो को इन किसानो को नेशनल मूवमेंट में शामिल भी कराना था
फिर अहमदाबाद मिल्स stirk यहाँ पर जो भारत के मज़दूर हैं उनका जायजा लिया
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और फिर 3 leav उनका रहा खेड़ा यहाँ भी किसानो से जुड़ा होआ मुद्दा इन तीनो को देखा जय तो दो बर्गो को बहोत पियर से देखा 1 तो किसान 2 मजदूर और midel क्ला स को उनको समझने की जरूरत नहीं थी क्यू की वे midel क्लास परिबार से थी और पूंजी पति उनके दोस्त बन गए
1920 का भारत 90 iletrat और 90 पिरतिसात सफरिंग ऑफ़ पोवेर्टी ( the concept of nation ) या लोग अनपढ़ और गरीब लोगों को मास मूवमेंट के लिया बहार बुलाना है
एक बात गाँधी जी को समाजः आती है पर्सनल दिकत लोकल दिकत
local isues from national plate form मंच होगा national और मुद्दे होंगे local
और पंजाब में मुद्दा था आकाली movement और उत्तर प्रदेश में मुद्दा था एका movement और आंध्रा प्रदेश में मुद्दा था forest satiya गृह्य और अँगरेज़ सरकार तो सनाटे में आगई यह किया हो रहा है और पुरे देश में हलचल मच गई और यह सारे लोग गरीब थी पर अनपढ़ भी थे अंरेज़ सोचने लगे या लो कैसे मास्स मूवमेंट चला रहे हैं और ब्रिटिश सरकार ने कहा गाँधी जी से रोको इस movement को तो गाँधी जी ने कहा सरकार हम नहीं रोक सकते इस मूवमेंट को क्यू की यह कोई बतमीजी कर ही नहीं रहे है यह तो सड़क पर गाना गए रहे है और यह movement 1920 में start और 1922 में भी चल रहा है ब्रिटिश सरकार बहोत परेशान और कहा की रोको इसे और गान्ही जी भी अब
1924 H R A
1925 C P I commenus party of india इस बात से पूंजी पति बहुत परेशान हुए अब किया होगा
अब नेके सामने एक एक्सपाल था ही 1917 का रूस जहां मजदूरो ने और किसानो ने मिलकर पूंजी पति को उखड पेखा मजदूरों का शासन सोनियन
1927 में भारत के जो पूंजी पति हैं वो एक आर्गेनाइजेशन बना रहे हैं ficci और इसके प्रेसीडेन्सी हैं परसोतम दस् ठाकुर और यह लोट एरबिन से कहते है रूस में लेनिन ने सब को उखड पेखा हैं और भारत में भी एक लेनिन पैदा हो रहा जिसे लोग भगत सिंह कहते है और यह बात पसोतम कहत हैं अंग्रज़ो से अगर हमने मौका दिया तो यह सब को उखाड़ फेके गए इसको रोको बरन रूस में लेनिन ने सबको उखड फेका और भारत में भगत सींह को रोको बरना अच्छा नहीं होगा तब परसोतम दस् और अंग्रेज जो ने कहा की कुछ चाल चली जय
तभी 1927 में एक और घटना घाटी saiman commision मूवमेंट ने मास्स मूवमेंट को फिर से जिन्दा कर दिया anti saiman मूवमेंट
और फिर मजदूरो को control करने के ले दो विल आगई public seftiy will और trad disput will यह सब चल रहा था तभी एक घटना घाटी 1929 में ecnomic डिप्रेशन करो बार थप और लोग बेरोज़ गार हो गए और मजदूरोने ने 1931 भगत सिंह के साथ मिलकर एक किराँती के हैंगिंग ऑफ़ भगत सिंह
3rd face face of revolutionary टेररिरेसुम और इसमें भगत सिंह और कई सरे लोगो ने भूमिका निभाई और सबसे माहित्य पुण् भूमिका निभाई सूर्य सैन ने बंगाल में चिटगोम आर्मरी रेड और एक नई adilogy
1935 में एक एक्ट आया provencial atonomi police state का subject
और 11 में से 8 prevence congers के कब्जे में और 9139 में 2 nd वो world war सिरु हो गया जर्मनी ने पोलैंड पर हमला कर दिया और फिर ब्रिटेन ने जर्मनी पर हमला कर दिया और ब्रिटेन ने बिना इंडिया से पूछे काह दिया की भारत के लोग ब्रिटेन के साथ हैं गाँधी जी ने कहा यह बोल रहे हो आप एक गुलाम दूसरे गुलाम के लिया कैसे लड़ सकता है है फिर आप हमें आजाद कर दो और फिर हमारा समर्थन ले लो और अंग्रेज़ो ने मना कर दिया
और फिर ब्रिटिश government ने कहा congres is the hindu organization और फिर 1939 मिनिस्ट्री ने इस्तीफा ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों को ऑफर दिया 1940 में कहा डोमिन स्टेटस फिर गाँधी जी ने कहा था हमें नहीं चाहंय और फिर अंग्रज़ो ने एक और ऑफर दिया क्रिप्स मिशन 1942 और फिर गाँधी जी ने कहा हमको copmlet independenc रहना हैं 8 अगस्त 1942 में अंग्रज़ो में गाँधी जी को बन्दी बना लिया और गाँधी जी ने लोगो से कहा करो या मरो और फिर यंहा से सिरु होआ quit india movement
और फिर ब्रिटिश सरकार ने लोगो को मरना सिरु किया और अंग्रेज़ो ने गाँधी जी से कहा रोको इनको गाँधी जी ने कहा मैं तो कोंग्रेश का मेम्बर ही नहीं हूँ मैं कैसे रोक सकता हूँ इनको अंग्रज़ो ने कहा बहोत अच्छा खेलते हो
और फिर इनमे में एक सख्सियत उभर कर आया जिसका नाम था सुभासचन्द्रबोस जो पहले 1920 में I C S बने और 1921 में इतिफा दे दिया